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लेखनी प्रतियोगिता -02-Oct-2023🌹लाल बहादुर शास्त्री 🌹


सर्वप्रथम माँ शारदे को नमन,
तत्पश्चात "लेखनी" मंच को नमन,
मंच के सभी श्रेष्ठ सुधि जनों को नमन,
विषय:- 🌹लाल बहादुर शास्त्री 🌹
कविता
दिनांक -- ०२.१०.२०२३
दिन -- सोमवार 
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मुंशी  शारदा  प्रसाद  का  कुल  सितारा,
राम दुलारी के कोख को   हरा भरा कर।
व्योम से  निकल  एक   कांतिमय  तारा,
अवतरित  हुआ  वाराणसी  के  धरा पर।

२  अक्टूबर  १९०४   दिन   रविवार  को,
शुभ  घड़ी  अति  मंगलमय  दिन  आया।
करने  जग  में  कमाल  गुदड़ी  के  लाल,
बालक  लाल बहादुर  शास्त्री  कहलाया।

परिणय  सूत्र  में  बंधे  ललीता  के  संग,
प्रधानमंत्री बनकर देश की शोभा बढ़ाई।
अपनी अदम्य अद्भुत  साहस से  इन्होंने,
नापाक   पाकिस्तान   को   धूल  चटाई।

काठी छोटी थी पर कद उनका बड़ा था,
बागडोर  संभाली  देश  को  संवारा था।
सादगी  भरा  जीवन था  उस  लाल का,
जय जवान जय किसान दिया नारा था।

अचानक  चले जाना  हतप्रभ करता है,
ना वे  अस्वस्थ थे  ना ही कोई रोग था।
रहस्य  से  पर्दा  आज  तक  उठा  नहीं,
कोई साज़िश थी  या महज़ संयोग था।

ताशकंद समझौते के कुछ समय पश्चात,
ज़िंदगी ने  की थी  लाल  संग  बेवफाई।
हे गुदड़ी के लाल  हम सभी भारतवासी,
श्रद्धा  सुमन  अर्पित  करते हैं  सिरनाई।

           🙏🌷 मधुकर 🌷🙏

(अनिल प्रसाद सिन्हा 'मधुकर', जमशेदपुर, झारखण्ड)
(स्वरचित मौलिक रचना, सर्वाधिकार ©® सुरक्षित)

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4 Comments

सुन्दर और सजीव चित्रण

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RISHITA

03-Oct-2023 07:55 AM

V nice

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Punam verma

03-Oct-2023 07:46 AM

Very nice

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